दुख
बड़े लोगों ने अपने दुख
बड़े करके देखे
छोटे लोगों ने देखे करके छोटे
इस तरह
छोटे लोग बड़े हुए
और बड़े लोग हुए छोटे
इस कविता का मराठी अनुवाद स्वयँ कवि द्वारा
दुख
मोठ्यांनी आपले दुःख
मोठे करून बघितले
लहानांनी लहान करून बघितले
अशा रीती ने
लहान लोक झाले मोठे
आणि मोठे लोक झाले लहान|
कोकास जी की कवितायें तो रुचिकर और बेहद सार्थक होती हैं हमेशा. इक़ बार फिर वाह.
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कुछ ग़मों के दीये
... bahut sundar !
ReplyDeleteKya baat hai.
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